गूगल पे की तर्ज पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया लॉन्च करेगा YONO 2.0, दूसरे बैंक के कस्टमर भी कर सकेंगे इस्तेमाल
YONO 2.0: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का YONO ऐप डिजिटल बैंकिंग के लिए लॉन्च किया गया था. इस ऐप पर डिजिटल बैंकिंग सहित ई-कॉमर्स सर्विस स्टेट बैंक के ग्राहकों को मुहैया करवाई जाती हैं.
SBI गूगल पे की तर्ज पर YONO 2.0 को लॉन्च करेगा. (फोटो: Twitter)
SBI गूगल पे की तर्ज पर YONO 2.0 को लॉन्च करेगा. (फोटो: Twitter)
YONO 2.0: अगर आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहक नहीं हैं फिर भी YONO App इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो बस कुछ दिन इंतजार करना होगा. दरअसल SBI गूगल पे की तर्ज पर कई सुविधाओं वाले YONO 2.0 को लॉन्च करेगा. बैंक इस पर तेजी से काम कर रहा है. YONO 2.0 की सर्विस के लिए ग्राहकों को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का ग्राहक होना जरूरी नहीं होगा. सभी भारतीय YONO 2.0 की सर्विस ले पाएंगे.
आपको बता दें कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का YONO ऐप डिजिटल बैंकिंग के लिए लॉन्च किया गया था. इस ऐप पर डिजिटल बैंकिंग सहित ई-कॉमर्स सर्विस स्टेट बैंक के ग्राहकों को मुहैया करवाई जाती हैं.
16 मार्च 2019 को किया गया था लॉन्च
आपको बता दें कि योनो ऐप 16 मार्च 2019 को लॉन्च किया गया था. योनो कैश योनो प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध एक खास सुविधा है. ऐप के साथ ही यह ऑनलाइन पोर्टल दोनों में अवेलबल है. इससे खाताधारक फिजिकल कार्ड का उपयोग किए बिना कई सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं. यह किसी फिजिकल ट्रांजैक्शन पर्ची को भरे बिना एसबीआई के किसी भी एटीएम और अधिकांश एसबीआई मर्चेंट पीओएस टर्मिनल या ग्राहक सेवा प्वाइंट्स (CSP) से तुरंत पैसे निकालने की सुविधा देता है.
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योनो यूजर्स को सिर्फ यहां लॉगिन करने पर योनो कैश यूज के लिए एक संदर्भ संख्या और कैश के लिए डायनामिक पिन जेनरेट करना होता है. इसके बाद ग्राहक ट्रांजैक्शन पूरी करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं किसी भी चैनल यानी एटीएम, पीओएस टर्मिनल या सीएसपी से कैश प्राप्त कर सकते हैं.
योनो ऐप में कई सुविधा
यह ग्राहकों को एटीएम, पीओएस टर्मिनल या सीएसपी से नकदी निकालने की सुविधा देता है, भले ही वे घर पर अपना पर्स भूल जाएं और सिर्फ अपना फोन साथ ले जाएं. योनो कैश ट्रांजैक्शन को एटीएम निकासी के लिए निर्धारित लिमिट से अलग माना जाता है. यह एनवायरमेंट फ्रेंडली है और प्लास्टिक कार्ड के इस्तेमाल को खत्म करता है. यह सेफ भी है और कार्ड से जुड़े सभी रिस्क को खत्म करता है. इसमें शोल्डर सर्फिंग, कार्ड ट्रैपिंग, कार्ड स्किमिंग रिस्क, कार्ड/ पिन खोने जैसे खतरे नहीं हैं. हर ट्रांजैक्शन के लिए पिन जेनरेशन डायनमिक रूप से होती है.
05:37 PM IST